बाड़मेर जिला कलक्टर टीना डाबी ने गुरूवार को धोरीमन्ना इलाके में किसानों के खेतों में पहुंचकर राज किसान गिरदावरी के माध्यम से हो रही ई-गिरदावरी खरीफ-2081 का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को ई-गिरदावरी की प्रभावी मोनेटरिंग करते हुए प्राथमिकता से पूर्ण करवाने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर टीना डाबी ने गुरूवार को धोरीमन्ना में दूधू पटवार मंडल के स्वामियों की ढाणी एवं बालासर गांव में किसानों के खेतों में पहुंचकर ई-गिरदावरी प्रक्रिया को विस्तार से जाना। उन्होंने ई-गिरदावरी की खसरे एवं नक्शे से मिलान कर जांच की। इस दौरान जिला कलक्टर ने खेतों में फसल और खसरावार एंट्री की जानकारी लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि न्यूनतम रूप से पांच फीसदी गिरदावरी कार्य किसानों के माध्यम से ई-गिरदावरी से करवाया जाना है। उन्होंने ई-गिरदावरी की प्रक्रिया का वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने उपखंड अधिकारी केशव मीणा, तहसीलदार किरण सिंगारिया एवं अन्य विभागीय अधिकारियों से ई-गिरदावरी के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उल्लेखनीय है कि फसल खरीफ संवत 2081(वर्ष 2024) के तहत डिजीटल क्रॉप सर्वे(ई-गिरदावरी) के तहत ऑनलाईन गिरदावरी कार्य राज खसरा गिरदावरी एप के माध्यम से की जा रही है।

पारदर्शिता एवं त्वरित गति से गिरदावरी कार्य करवाएं – जिला कलक्टर टीना डाबी ने धोरीमन्ना से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बाड़मेर जिले केे राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कार्मिकों को गिरदावरी का कार्य सतर्कता एवं पारदर्शिता के साथ संपादित करवाने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने कहा कि गिरदावरी कार्य के लिए इसके बारे में ग्रामीणों एवं ग्राम पंचायत को सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि गिरदावरी संबंधित कार्य निर्धारित समयावधि में संपादित किया जाए। उन्होंने गिरदावरी में दर्ज रकबे का मैदानी एवं रैंडम सत्यापन पटवारी, राजस्व निरीक्षक, कृषि विकास अधिकारी, नायब तहसीलदार, तहसीलदार के माध्यम से करवाने के निर्देश दिए। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जिला कलक्टर टीना डाबी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्रसिंह चांदावत ने डिजिटल क्राप सर्वे, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, कृषि आदान-अनुदान की प्रगति की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

ई-गिरदावरी के बारे में किसानों को जागरूक करें – जिला कलक्टर टीना डाबी ने कहा कि बजट घोषणा वर्ष 2024-25 के अनुसार अधिकाधिक खसरों पर स्वयं किसानों के माध्यम से गिरदावरी करवाई जानी है। इसलिए किसानों को स्वयं भी अपने खेत में ऑनलाइन एप के माध्यम से गिरदावरी करने के लिए प्रेरित करें। राजस्व विभाग ने इसके लिए राज किसान एप शुरू किया है। किसानों को स्वयं गिरदावरी करने के लिए यह एप डाउनलोड करना होगा। किसान स्तर से की गई गिरदावरी के बाद शेष खसरों की गिरदावरी के लिए संबंधित पटवारी को वरीयता दी जाएगी। जिला कलक्टर ने पटवारियों की ओर से गिरदावरी किए जाने की प्रतिदिन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पटवारी गिरदावरी किए जाने की सूचना सभी किसानों को दे, ताकि कोई भी पात्र किसान फसल खराबे के मुआवजे से वंचित नहीं रहे।
किसान स्वयं के स्तर पर कैसे करें ई-गिरदावरी – इसके लिए सबसे पहले काश्तकार अपने मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर के माध्यम से राज किसान गिरदावरी एप डाउनलोड कर अपने जनआधार से लॉगिन करें। आधार से जुड़े मोबाइल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त होगा, जिससे वेरिफाई होने के बाद एप लॉगिन हो जाएगा। उसके बाद फसल विवरण जोड़ें पर क्लिक करना है, फिर ऊपर की साइड में जनाधार से जुड़े खसरे का ऑप्शन आएगा एवं दूसरी साइड में खसरा सर्च करें का ऑप्शन रहेगा। इन दोनों ऑप्शन में से खसरा सर्च कर क्लिक करने पर सिम्पल पेज खुलेगा। उसमें काश्तकार को अपना जिला, तहसील एवं गांव सलेक्ट करते हुए आगे बढ़ना होगा। इसके पश्चात अपने खेत का खसरा अंकित करते हुए कैलिब्रेट करें पर क्लिक करना होगा। कैलिब्रेट करने के बाद गिरदावरी सीजन एवं फसल सलेक्ट करते हुए खसरे का एरिया हैक्टेयर में अंकित करना होगा। उसके बाद फसल सिंचित है या असिंचित एवं सिंचाई का स्त्रोत तथा फलदार पेड़ है तो उनकी संख्या आदि अंकित करते हुए खेत-खसरे में जो फसल बो रखी है, उसकी साफ-सुथरी फोटो अपलोड करनी होगी। इस प्रक्रिया के बाद प्रिंट प्रिव्यू का ऑप्शन दिखेगा, वहां क्लिक करने के बाद सबमिट का ऑप्शन रहेगा। सबमिट के ऑप्शन पर क्लिक करने पर काश्तकार की ओर से की गई गिरदावरी सबमिट होते हुए पंजीकरण संख्या प्राप्त हो जाएगी। गिरदावरी प्रक्रिया संबंधित खसरों (खेत) में खड़े रहकर ही पूर्ण करनी होगी।