
जालौर: बिशनगढ़ थाना क्षेत्र के ऐलाना गांव में अवैध रूप से की जा रही अफीम की खेती का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई एसपी ज्ञानचंद्र यादव के निर्देशन में शुक्रवार दोपहर बाद की गई। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर खेत में अन्य फसलों के बीच उगाई गई अफीम की अवैध फसल को जब्त किया और पौधों की गिनती शुरू की। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि खेत का मालिक स्थानीय निवासी है, जबकि इसे किसी अन्य व्यक्ति ने खेती के लिए किराए पर लिया हुआ था।
विशेष अभियान ‘भौकाल’ के तहत कार्रवाई
इस कार्रवाई को जालौर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘भौकाल’ के तहत अंजाम दिया गया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ नारकोटिक्स और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की जांच में पता चला कि इस अवैध खेती से लगभग 29 किलो अफीम का दूध और 212 किलो डोडा पोस्त तैयार किया जाना था। जब्त की गई अफीम के पौधों की अनुमानित बाजार कीमत करीब 1.77 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।

जालौर में अफीम की खेती का पुराना इतिहास
जालौर जिले में पहले भी कई बार अफीम की खेती के मामले सामने आ चुके हैं। 2019 में बागरा थाना क्षेत्र के देवाड़ा गांव में 40 हजार पौधे और 150 किलो डोडा पोस्त जब्त किए गए थे। इसी तरह, मार्च 2020 में जसवंतपुरा के वाड़ाभवजी गांव में पुलिस ने 7700 डोडा सहित अफीम के पौधे जब्त किए थे। सांचौर थाना क्षेत्र में भी गेहूं की फसल के बीच अफीम के 3017 पौधे बरामद किए गए थे।

पश्चिमी राजस्थान में अफीम की अवैध खेती और तस्करी
राजस्थान के जालौर, बाड़मेर और बालोतरा क्षेत्रों में अफीम और डोडा पोस्त की तस्करी का बड़ा नेटवर्क सक्रिय है। पहले यहां पर डोडा पोस्त की वैध लाइसेंसी दुकानें हुआ करती थीं, लेकिन नशे पर रोकथाम की नीति के तहत इन्हें बंद कर दिया गया। इसके बावजूद, इस क्षेत्र में अफीम की अवैध खेती चोरी-छिपे जारी है।
जांच जारी, आगे भी होगी कड़ी कार्रवाई
एसपी ज्ञानचंद्र यादव ने बताया कि ऐलाना गांव में हुई इस कार्रवाई के तहत आगे की जांच जारी है। पुलिस इस मामले में खेत के असली किराएदार और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश कर रही है। इस क्षेत्र में अवैध खेती रोकने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएंगे ताकि नशे के कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके।